कंप्यूटर और हिंदी (भाग-8)




कंप्यूटर पर हिन्दी में काम करना :

पिछले अध्याय मे हमने देखा था कि हिन्दी के ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर तथा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर- दोनो ही बाजार मे उपलब्ध हैं. इन दोनो के द्वारा हम अपने कंप्यूटर पर हिन्दी मे काम कर सकते हैं.  इस अध्याय मे हम दोनो ही विधियों की चर्चा करेंगे.

      (क) ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर द्वारा
     (ख) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा

सबसे पहले हम चर्चा करेंगे, ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर द्वारा हिन्दी मे काम करने की. इस समय बाजार में अधिकतर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का विंडो नामक ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर प्रचलित है. विंडोज़ के निम्न लिखित संस्करणों पर हिन्दी विकल्प उपलब्ध हैं :
  1. विंडोज़ एक्सपी
  2. विंडोज़ 2000
  3. विंडोज़ विस्ता
विंडोज़ एक्सपी व विंडोज़ 2000 में आइएमई हिन्दी इंडिक सॉफ्टवेयर नहीं होता. भाषा इंडिया.कॉम(bhashaindia.com) से इसे डाउनलोड कर सकते हैं.  डाउनलोड करने की विधि इस प्रकार है :
         www.bhashaindia.com  पर क्लिक करें
         INDIC IME>>indic IME1(hindi) >>1(v5.0) >>ok.
         फाइल को अनज़िप कर सेव करें.
          सेटअप चलाएं.

1.  विंडोज़ एक्स पी के लिए :

स्टार्ट Start>>सेटिंग setting>>कंट्रोल पैनल controlpanel>>रीज़नल ऑप्शन regional option>>लैगवेज़ टेब lang.tab >>ओके ok. दक्षिण एशियाई भाषाओं को एनेबल करने के लिए
  पहले बॉक्स को टिक करें. फिर ओके ok दबाएँ. अब कंप्यूटर विंडो एक्सपी की सीडी मांगेगा. सीडी डालें.
2. स्टार्टStart>> सेटिंगsetting >>कंट्रोल पेनलcontrolpanel>>रीज़नल ऑप्शन regopt.opt >लेंगवेज़ टेब डिटेल्स lang.tab details >> कीबोर्डKeyboard पर क्लिक करें.
3. एड Add बटन दबाएं.
4. हिन्दी Hindi सलेक्ट करें.
5. कीबोर्ड लेआउट Keyboard layout के लिए HINDI INDIC IME1(V5.1) >>ok.
6. इसके बाद कंप्यूटर को दोबारा ऑन करें. मॉनीटर के निचले दाएं कोने पर इंडिक का मीनूबार आ जाएगा.
7. EN  पर क्लिक करें. HI अर्थात हिन्दी विकल्प चुनें.
8. अब आप हिन्दी में टाइप कर सकते हैं.  

2. विंडो 2000 के लिए  :

स्टार्ट Start>> सेटिंग setting >>कंट्रोल पेनल controlpanel>>रीज़नल ऑप्शन regional option.
2. लेंगवेज़ सेटिंग Language setting>>इंडिक indic >>ओके ok.
3. अब कंप्यूटर विंडो 2000 की सीडी मांगेगा. सीडी डालें. इससे हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं के लिए  कंप्यूटर एनेबल हो जाएगा.  
4. स्टार्ट Start>>सेटिंग setting>>कंट्रोल पेनल controlpanel>>रीज़नल ऑप्शन regionaloption.
5.इनपुट लोकल  input local को क्लिक करें.फिर एड add बटन दबा कर हिन्दी hindi सेलेक्ट करें.ओके ok.
6. कीबोर्ड ले आउट Keyboard layout को  क्लिक करके Hindi INDIC 1(v5.0) क्लिक करें. ok. अब सिस्टम को दोबारा चलाएं.(रिबूट करें).
7. इसके बाद मॉनीटर के निचले दाएं कोने पर इंडिक का मीनूबार आ जाएगा.
8. EN  पर क्लिक करें. HI अर्थात हिन्दी विकल्प चुनें.
9. अब आप हिन्दी में टाइप कर सकते हैं. 
 
3. विंडो विस्टा के लिए :

1.कंट्रोल पैनल-रीज़नल ऑप्शन-क्लिक.
2. लैग्वेज टैब पर क्लिक .सेलेक्ट हिन्दी.
3. क्लिक की-बोर्ड. सेलेक्ट Hindi Indic IME(v 5.0)
4. कंप्यूटर स्क्रीन के नीचे बाईं ओर EN लिखा आएगा. क्लिक करें.HINDI को क्लिक करें.
5. की बोर्ड सेलेक्ट करें.
6. आपका कीबोर्ड अब हिन्दी में टाइप करेगा.

इंडिक 2 द्वारा हिन्दी में काम करना :  

इंडिक 2 मे इंटेलिजेंट की बोर्ड का प्रयोग हुआ है। यदि  किसी शब्द की हमें सही स्पेलिंग नहीं भी आती, तब भी हम सही स्पेलिंग लिख सकते हैं। शब्द के पहले दो तीन अक्षर लिखते ही कंप्यूटर हमें उसके कई विकल्प दे देता है। उनमें से हम वह विकल्प छांट सकते हैं, जिसकी हमें जरूरत है। इंडिक2 की एक विशेषता यह भी है की इसका अलग कीबोर्ड भी है। यदि हम चाहें तो अंग्रेजी के कीबोर्ड पर हिन्दी का यह कीबोर्ड चिपका सकते हैं। तब ट्रांस्लिटरेशन मोड में जाने की भी जरूरत नहीं रहेगी।

इंडिक2 कैसे लोड करें- तरीका वही है। बस हमें इन्ड़िक2 इंस्टाल करना होगा । साथ  ही हमें आकृति सॉफ्टवेयर को भी इंस्टाल करना होगा। यह इन्स्टालेशन पूरा होने के बाद हम कंप्यूटर पर हिन्दी में उसी तरह काम कर सकते हैं जैसे कि इंडिक1 से करते  थे।

एक और आसान तरीका  :

1. वेब साइट www.specials.msn.co.in पर जाएँ।
2. डेस्कटॉप संस्करण छांटें.
3 . डाउनलोड करें.
4. अपने कंप्यूटर पर सेव कर लें.
5. अब सेटअप रन करके इंस्टाल करें.
6. कंप्यूटर के दाएँ किनारे पर नीचे EN लिखा हुआ आएगा.
7.कीबोर्ड बाइडिफ़ाल्ट ट्रांसलिटरेशन मोड मे होगा.  
8. अब आप रोमन मे लिखें. स्क्रीन पर हिन्दी मे लिखा दिखाई पड़ेगा.

इंडिक 3 द्वारा हिंदी मे काम करना

इंडिक 3 भी इंडिक 2 की भांति  bhashaindia.com से इंस्टाल किया जा सकता है. इसमे हमे कोई हिंदी फोंट लोड नही करना पड़ता.  अब कंप्यूटर विंडोज़ 2000 की सीडी भी नहीं मांगेगा. क्योंकि विंडोज़ के नए संस्करणों मे हिंदी फोंट पहले से ही मौजूद होते हैं.

हमे सीधे www.bhashaindia.com पर जाना है. वहां डाउनलोड ऑप्शन पर क्लिक करना है. फिर इंडिक 3 सेलेक्ट करना है. उसमे हिंदी भाषा के 64 बिट ऑप्शन पर क्लिक करना है. यदि कंप्यूटर का बस आर्कीटेक्चर 32 बिट है तो 32 बिट वाला ऑप्शन क्लिक करना है. बस इंडिक  3   डाउन लोड हो जाएगा.

अब सवाल यह है कि इडिक 3 कौन डाउन लोड कर सकता है ?

इसका उत्तर यह है कि जिस कंप्यूटर मे ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर के रूप मे विंडोज़ 8 लोड हो  वही इंडिक # लोड कर सकता है. यहां यह बताने की जरूरत नहीं है कि विंडोज़ 8 के बाद विंडोज़ के सारे हायर संस्करण भी इंडिक 3 को सपोर्ट करेंगे. वैसे इंडिक 3 के लिए कम से कम जरूरत यह है कि आपका ओ एस विंडो विस्ता, विंडोज़ 7 या फिर विंडोज़ 8 होना चाहिए. साथ ही कंप्यूटर का हार्डवेयर 64 बिट वाले ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर को सपोर्ट करता हो.

माइक्रोसॉफ्ट इंडिक लैंगवेज इनपुट टूल (ILIT) :

माइक्रोसॉफ्ट इंडिक लैंगवेज इनपुट टूल की सहायता से हम किसी भी विंडोज़ एप्लीकेशन मे हिंदी का प्रयोग कर सकते हैं. इसकी शुरूआती तरकीब ये है कि अन्य भाषी शब्दों का पहले ही हिंदी शब्दों का लिप्यंतरण (transliteration)कर दिया जाता है. अब अंग्रेजी कीबोर्ड पर रोमन मे लिखते जाएं. स्क्रीन पर हिंदी मे लिखा आता जाएगा.

इंडिक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आखिर है क्या ?
What is Indic App actually.  (Input Method Editor) (IME):

यह एक छोटा सा  एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है जिसकी सहायता से कंप्यूटर के कीबोर्ड को किसी भी भाषा के लिए सेट किया जा सकता है. यह भारत की सभी भाषाओं के लिए उपलब्ध है . इसके अनेक संस्करण आ चुके हैं, जैसे इंडिक 1, इंडिक 2 आदि. इसे माइक्रोसॉफ्ट की वेब साइट www.bhashaindia.com से डाउन लोड कर सकते हैं. यह 32 बिट  तथा 64 बिट  दोनो तरह के कंप्यूटरों के लिए निशुल्क उपलब्ध है.

भारत ऑपरेटिंग सिस्टम सॉल्यूशन(BOSS): 

भारत सरकार के प्रतिष्ठान सीडैक’ (Center for Development  and  Computing)   ने भी एक पूर्णत: हिन्दी का ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर विकसित किया है.  इसका नाम है बॉस (BOSS).   इसकी विशेषता यह है कि इसे कंप्यूटर पर स्थापित करने के बाद सब कुछ हिन्दी में ही दिखाई पड़ता  है.

यह पूर्णत: स्वदेशी उत्पाद है, तथा सीडैक से नि:शुल्क मंगाया जा सकता है. 





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डॉ. दिनेश चंद्र थपलियाल

I like to write on cultural, social and literary issues.
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