वे
सभी सॉफ्टवेयर, जो इंटरनेट से किसी न किसी
रूप में जुड़े हैं, आम तौर पर इंटरनेट सॉफ्टवेयर कहलाते हैं. इंटरनेट सॉफ्टवेयरों
को निम्नलिखित श्रेणियों में रख सकते हैं:
- कंप्यूटर को वर्डवाइडवेब(www) से जोड़ने वाले सॉफ्टवेयर.
- किसी मनचाही जानकारी को इंटरनेट से खोज कर कंप्यूटर
पर उपलब्ध कराने वाले सॉफ्टवेयर.
- किसी सामग्री को इंटरनेट से डाउनलोड करने या अपलोड
करने वाले सॉफ्टवेयर.
भारत सरकार का उपक्रम 'सीडैक' (सेंटर फॉर
डवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग) इस दिशा
में काफी काम कर रहा है. यहां हिन्दी सिखाने वाले कई सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं.
स्पीच रिकग्नीशन पर भी काम हो रहा है, ताकि सिर्फ हिन्दी जानने वाला कोई विकलांग
व्यक्ति भी मुंह से बोल कर कंप्यूटर पर हिन्दी मे काम कर सके.हिन्दी का पहला
यूनीकोड फॉंट 'मंगल' भी माइक्रोसॉफ्ट के
लिए सीडैक ने ही 1985 मे विकसित किया था.
इंटरनेट पर हिन्दी वेब साइटों के रूप में हो सकती है. ये वेबसाइटें
या तो हिन्दी पत्रिका हो सकती हैं, हिन्दी समाचार पत्र हो सकते हैं, या फिर हिन्दी
पुस्तकें हो सकती हैं. अनेक सरकारी विभागों की वेब साइटें भी अब हिन्दी –अंग्रेजी
में उपलब्ध हैं.
कुछ समय पहले तक इंटरनेट पर हिन्दी
बहुत सीमित मात्रा मे पाई जाती थी. अधिकतर हिन्दी वेबसाइटों से मिलने वाली
जानकारी जंक करेक्टर्स के रूप मे मिलती थी. इसका कारण यही था कि विश्व-स्तर पर
हिन्दी फोंट्स का कोई एक सर्वमान्य स्वरूप प्रचलित नहीं था. बाजार में हिन्दी के
कई फोंट, कई एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर तथा कई ऑपरेशन सॉफ्टवेयर उपलब्ध थे. इंटरनेट से जुड़े लाखों कंप्यूटरों में से
सभी पर एक जैसे फोंट, एक जैसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर न होने से हिन्दी में सूचनाओं
का आदान-प्रदान कर पाना बहुत मुश्किल काम हो गया था.
लेकिन यूनीकोड फोंट्स के आविष्कार ने सारी समस्याओं को एक ही झटके
में खत्म कर दिया.
हिन्दी
भाषा में इंटरनेट पर जो जानकारियां मिल सकती हैं- उन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया
जा सकता है:
हिन्दी
वेब साइट.
हिन्दी
ई मेल.
हिन्दी
ई-समाचार पत्र
हिन्दी
की ई-पत्रिका
भारतीय
सर्च इंजन
हिन्दी
के सॉफ्टवेयर
आइये
इन सभी बिन्दुओं पर एक एक कर संक्षेप में चर्चा करते चलें-
हिन्दी की वेब
साइट : हिन्दी की सभी वेबसाइटों को यहां दे पाना मुश्किल होगा, लेकिन फिर भी कुछ महत्वपूर्ण व अधिक प्रचलित
वेब साइट इस प्रकार हैं-
क्रम
संख्या
|
हिन्दी
नाम
|
वेबसाइट
|
1
|
[http://hi.mustdownloads.com/
|
|
2
|
[http://hi.wikipedia.org/wiki/Web_Hindi_Resources]
|
|
3
|
[http://hi.wikipedia.org/wiki/
|
|
4
|
[http://www.guruji.com/hi]
|
|
5
|
[http://www.visfot.com/]
|
|
6
|
[http://www.google.com/Top/World/Hindi]
|
|
7
|
[http://www.raftaar.com]
|
|
8
|
http://www.microsoft.com/downloads/Search.as]
|
|
9
|
[http://www.dmoz.org/World/Hindi/]
|
|
10
|
[http://www.unicodehindi.com/]
|
|
11
|
[http://hindiblog.ourtoolbar.com/
|
|
12
|
[http://www.bhomiyo.com]
|
|
13
|
[http://www.hindiblogs.org/]
|
|
14
|
[http://hindikalam.com/]
|
|
15
|
[http://www.hinkhoj.com]
|
|
16
|
[http://greetings.hinkhoj.com]
|
|
17
|
http://www.ildc.in/Hindi/Hindex.aspx]
|
|
18
|
[http://yanthram.com/hi/]
|
|
19
|
[http://www.hindigear.com]
|
|
20
|
[http://www.hindieditor.com
|
|
21
|
[http://www.sandhaan.com/]
|
|
22
|
[http://narad.akshargram.com/]
|
|
23
|
[http://bagewafa.wordpress.com]
|
|
24
|
[http://www.writeka.com/scripton/hindi/]
|
|
25
|
[http://hi.wordpress.com/]
|
|
26
|
[http://hindikibindi.com/index.php]
|
|
27
|
[http://quillpad.com/hindi/]
|
|
27
|
[http://www.tarakash.com/dir/]
|
|
28
|
[http://www.podbharti.com]
|
|
29
|
[http://www.blogvani.com/]
|
|
30
|
[http://www.chitthajagat.in/]
|
|
31
|
[http://www.var-x.com/gamabhana
|
|
32
|
[http://www.hindigatha.blogspot.com/]
|
|
33
|
[http://utopianvision.co.uk/hindi/write/]
|
|
34
|
[http://dir.hinkhoj.com]
|
|
35
|
[http://bloglikhi.com/]
|
|
36
|
[http://sarathi.info/]
|
|
37
|
http://hindi.yuyam.com/]
|
|
38
|
स्वतंत्र (ब्लॉग)
|
http://vichaarpaksha,com
|
क्र.
|
वेब साइट
|
विवरण
|
1
|
www.rajbhasha.nic.in
|
गृह
मंत्रालय, राजभाषा विभाग की साइट
|
2
|
www.rajbhasha.com
|
निजी
साइट
|
3
|
www.tdil.mit.gov.in
|
सूचना-प्रौद्योगिकी
मंत्रालय की साइट
|
4
|
www.cdacindia.com
|
सीडैक की
साइट
|
5
|
इतिहास
गीत, कविताएं आदि
|
|
6
|
केन्द्रीय
भाषा संस्थान की साइट
|
|
7
|
www.shamema.com
|
हिन्दी,
अंग्रेज़ी, पश्तो आदि के समानार्थी शब्दों के लिए
|
8
|
www.hindibhasha.com
|
भाषा
संबंधी जानकारी
|
9
|
www.nidatrans.com
|
अन्य
भारतीय भाषाओं से अनुवाद आदि के लिए
|
10
|
वैज्ञानिक
तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की साइट
|
|
11
|
सभी तरह
की हिन्दी संबंधी जानकारी
|
|
12
|
www.wordanywhere.com
|
हिन्दी-अंग्रेज़ी
समानार्थी शब्दों की साइट
|
13
|
www.rossettstone.co
|
विश्व की
सभी भाषाएं सीखने के लिए जानकारी
|
14
|
www.microsoft.com/india/hindi 2000
|
माइक्रोसॉफ्ट
की साइट जिसमें हिन्दी को भी लिया है
|
15
|
www.dictionary.com
|
हिन्दी
शब्दकोष
|
16
|
www.viprakamble.blogspot.com
|
ब्लॉगिंग
के लिए
|
17
|
www.hiwikiquote.org
|
हिन्दी
की सूक्तियों व कहावतों के लिए
|
18
|
www.vishvahindi.com/hindi_intranet.htm
|
हिन्दी में ई- मेल की सुविधाएं : नीचे दिए
गए 'ई-मेल सेवा प्रदाता' हिन्दी में भी ई-मेल भेजने की सुविधा दे रहे हैं:
क्र.
|
ई-मेल
पोर्टल
|
1
|
|
2
|
|
3
|
|
4
|
www.cdacindia.com
|
5
|
www.bharatmail.com
|
6
|
www.rediffmail.com
|
7
|
www.webdunia.com
|
8
|
www.dainikjagaran.com
|
9
|
www.rajbhasha.nic.in
|
(क) हिन्दी के सॉफ्टवेयर :
जैसा कि अध्याय “ग” में बताया जा चुका है- अंकों व शब्दों से
निर्मित वे तमाम निर्देश(commands),
जिनके अनुसार कंप्यूटर काम करता है- प्रोग्राम( programme)
कहलाते हैं. प्रोग्रामों का सुनिश्चित समूह सॉफ्टवे यर कहलाता है. सॉफ्टवेयर दो
तरह के होते हैं :
हिन्दी के ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर : वे
सॉफ्टवेयर, जो
कंप्यूटर की आंतरिक कार्यप्रणालियों को संचालित करते हैं, ऑपरेटिंग
सॉफ्टवेयर कहलाते हैं. ऑपरेटिंग सॉफ्ट्वेयर के बिना हमारा कंप्यूटर ठीक उसी तरह है
जैसे मष्तिष्क के बिना मानव शरीर.अत: अंकों व शब्दों से बने निर्देशों के समूह-
प्रोग्रामों को जब किसी विशेष व्यवस्था के
अंतर्गत जोड़ा जाता है तो कंप्यूटर हमारे द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन करने
लगता है.
इसी व्यवस्था को हम ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर कहते हैं.
सामान्य भाषा में कहें तो अब
लगभग सभी ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर विश्व की प्रमुख भाषाओं मे मिलने लगे हैं. इसीलिए अब
एक नया शब्द अस्तित्व मे आया है- बहुभाषी ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर. इनसे अंग्रेज़ी के अलावा अन्य
भाषाओं में भी काम किया जा सकता है. विंडो
एक्सपी, विंडोविस्ता, विंडो 2007 (माइक्रोसॉफ्ट ),मैकिंटॉश
(हिन्दी लैंग्वेज किट अलग से खरीदना पड़ता है.), (एप्पल),लाइनक्स (ओपन सोर्स) कई भारतीय लिपियों को सपोर्ट करता है, भारत
ऑपरेटिंग सिस्टम सॉल्यूशन (BOSS)(सीडैक) आदि सभी ऑपरेटिंग
सॉफ्टवेयर आजकल बहुभाषी हो गए हैं.
यहां बहुभाषी
ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर से हमारा
अभिप्राय हिन्दी भाषा के ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर से
है. हिन्दी के ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयरों के प्रयोग से हमें आउटपुट
हिन्दी भाषा में ही प्राप्त होता है.
बहुभाषी अप्लीकेशन
सॉफ्टवेयर : किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर जो अंग्रेजी के अलावा अन्य
भाषाओं में भी उपलब्ध हों , बहुभाषी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहलाते हैं. हिन्दी भी उन
अनेक भाषाओं मे से एक है.
•
जैसे भूगर्भीय आंकड़ों के संसाधन के लिए.
•
मौसम की भविष्यवाणी के लिए.
•
भाषा सीखने के लिए.
•
विभिन्न उद्योगों के प्रचालन
में.
हिन्दी भाषा के कुछ एप्लीकेशन
सॉफ्टवेयर इस प्रकार हैं :
मंत्र : मंत्र(ManTra)
अंग्रेजी के शब्दों का संक्षिप्त रूप है. इसका अर्थ है- Machine assisted
Translation, अर्थात मशीन की सहायता से किया जाने वाला अनुवाद. यह
सॉफ्ट्वेयर सीडैक द्वारा राजभाषा विभाग भारत सरकार के लिए विकसित किया गया है. यह सॉफ्टवेयर सीडैक, पुणे
तथा राष्ट्रीय सूचनाकेन्द्र से नि:शुल्क मंगाया जा सकता है. पता है darbari@cdac.in
वाचांतर : यह
सॉफ्टवेयर भी सीडैक द्वारा राजभाषा विभाग के लिए विकसित किया गया है. इसके द्वारा
अंग्रेज़ी में बोले गए पाठ को सीधे सीधे हिन्दी में सॉफ्टकॉपी में बदला जा सकता है.
इसकी मुख्य समस्या है- वक्ता का उच्चारण. उच्चारण
सही न होने से कंप्यूटर गलत लिख सकता है. इसलिए कंप्यूटर को उपभोक्ता की उच्चारण
शैली का अभ्यस्त होने के बाद समस्या काफी कम हो जाती है. यद्यपि यह सॉफ्टवेयर काफी
अच्छा काम कर रहा है, फिर
भी अभी इस पर कुछ और परीक्षण चल रहे हैं. यह
नि:शुल्क नहीं है, किंतु
साधारण कीमत पर इसे राष्ट्रीय सूचना केन्द्र से खरीदा जा सकता है.
श्रुतलेखन : इस
सॉफ्टवेयर की मदद से कंप्यूटर मुंह से बोली हुई हिन्दी ध्वनियों को उच्चारण के
अनुसार हिन्दी पाठ में बदल देता है. यहां भी त्रुटियों की थोड़ी बहुत संभावना होती
है. जब कंप्यूटर वक्ता के उच्चारण का अभ्यस्त हो जाता है, तो
त्रुटि नहीं होती. भले ही इस सॉफ्टवेयर का
भी परीक्षण हो चुका है, किंतु
अभी भी इसमें थोड़ा बहुत काम होना बाकी है. जैसे किसी अक्षर या शब्द के सभी संभावित उच्चारण इसमें फीड किये जाने हैं,
ताकि सही अक्षर या शब्द चुनने में
कंप्यूटर गलती न कर सके.
ई-महाशब्दकोष : यह
इलेक्ट्रॉनिक शब्दकोष सीडैक तथा राजभाषा विभाग के सहयोग से बनाया गया है. इसकी
मुख्य विशेषता यह है कि इसमें शब्दों का केवल अर्थ ही नहीं बताया जाता,
बल्कि उसका उच्चारण भी ध्वनि के द्वारा सुनाया जाता है. इसमें अर्थ के साथ साथ शब्द का वाक्य प्रयोग भी
दिया जाता है.
लीला राजभाषा : लीला
अंग्रेजी के शब्दों का संक्षिप्त रूप है. इसका पूरा नाम है Learning Indian Languages Through
Artificial Intelligence. अर्थात कृत्रिम बुद्धि द्वारा
भारतीय भाषाएं सीखना.
यह प्रोग्राम सीडैक ने राजभाषा विभाग के लिए विकसित किया
है, ताकि
हिन्दी सीखने वाले कार्मिक कक्षाओं में प्रशिक्षण लेने के स्थान पर कंप्यूटर पर
प्रशिक्षण ले सकें.
केन्द्र सरकार के नियंत्रण वाले कार्यालयों के कार्मिकों
के लिए हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखना अनिवार्य है. यह ज्ञान पाने के लिए
हिन्दीतर भाषी कार्मिकों को हिन्दी शिक्षण योजना के अंतर्गत निम्नलिखित परीक्षाएं
उत्तीर्ण करनी पड़ती हैं:
- लीला हिन्दी प्रबोध : हिन्दी के प्राथमिक स्तर के
ज्ञान हेतु.
- लीला हिन्दी प्रवीण : हिन्दी के आठवीं स्तर के ज्ञान
हेतु.
- लीला हिन्दी प्राज्ञ : हिन्दी के दसवीं कक्षा के स्तर के ज्ञान
हेतु.
गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार के राजभाषा विभाग की
साइट www.rajbhasha.gov.in पर इन तीनों
परीक्षाओं का ऑनलाइन
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उपलब्ध है.
प्रवाचक : यह
सॉफ्टवेयर कंप्यूटर पर उपलब्ध हिन्दी पाठ का सही उच्चारण जानने के उद्देश्य से
बनाया गया है.
यह
सॉफ्टवेयर भी सी-डैक के सहयोग से विकसित किया गया है. इसकी अधिक जानकारी के लिए
सी-डैक
अथवा राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (NIC) से प्राप्त कर सकते हैं.
परिवर्तन 2.0 : यह सॉफ्टवेयर नॉन यूनीकोड फोंट्स को
यूनीकोड फोंट्स में बदलने के लिए प्रयोग किया जाता है. यह राष्ट्रीय सूचना केन्द्र
के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है.
आवागमन (डिस्पैच सॉफ्टवेयर)
: यह सॉफ्टवेयर डायरी डिस्पैच के लिए
प्रयोग में लाया जाता है. यह सॉफ्टवेयर ‘मोंटेज’ (Montage) नामक
कंपनी ने विकसित किया है. इसकी सहायता से कार्यालय में डाक के आने जाने का ब्यौरा
हिन्दी में रखा जा सकता है.
इसके अलावा मोंटेज ने ये सॉफ्ट्वेयर भी विकसित किये हैं:
1. छुट्टी के रिकॉर्ड रखने वाला सॉफ्टवेयर (Leave Tracking software).
2. आज का शब्द का सॉफ्टवेयर (Word
of the day software).
3. रोस्टर प्रबंधन के लिए
सॉफ्टवेयर(Roster Management
software)
4. लाइब्रेरी प्रबंधन के लिए
सॉफ्टवेयर (Library Management Software)
5. ई- मेल के लिए सॉफ्टवेयर(
Software for e-mail in Indian Languages)
6. भारतीय भाषाओं मे वार्तालाप के
लिए सॉफ्टवेयर ( Software for chatting in Indian Languages)
मोंटेज
की वेबसाइट www.montagecommunique.com से और अधिक जानकारी ली जा सकती है.
इंटरनेट पर कुछ साइटें ऐसी भी हैं जिन पर नि:शुल्क हिन्दी
सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं. इन्हें डाउनलोड करके इस्तेमाल में लाया जा सकता है. इसके
अलावा कुछ सॉफ्टवेयर निजी कंपनियों द्वारा विकसित किये गए हैं. इन्हें फ्री
डाउनलोड नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा सॉफ़्टवेयर विभाग के लिए जरूरी हो तो उसे खरीदा
जा सकता है.
नीचे कुछ हिन्दी सॉफ्टवेयर
तथा उनके निर्माताओं, वितरकों के पते दिये जा रहे हैं. ताकि आप और अधिक जानकारी ले
सकें:
क्र
|
सॉफ्टवेयर
|
उपयोग
|
फोन, फैक्स, ई-मेल, वेब साइट
|
|
1
|
1 आकृति
(फॉंट)
2 आकृति
विस्तार
3 ईज़ी
मेलर
|
हिन्दी
ई-मेल, ऑफिस के सभी काम, यूनीकोड फॉंट,लोटसनोट्स के अनुकूल, विंडो एक्स पी व
विंडो विस्ता पर चलने योग्य. ई मेल की सुविधा.
|
022-27782779-80
022-27782782
sureshpadia@gmail.com
info@akruti.com
www.akruti.com
|
|
2
|
एपीएस 2000++
|
हिन्दी
प्रशिक्षण, शब्द संसाधन, ई-मेल, शब्दकोष आदि के लिए. नॉनयूनीकोड फॉंट.
|
011
23318246
Vsoft@Vsoftsolutions.com
www.Vsoftsolutions.com
|
|
3
|
इंडिका
यूनीकोड
|
शब्द
संसाधन, मेल आदि. यह भी यूनीकोड फॉंट है.
|
sales@summit
india.com
www.summitindia.com
|
|
4
|
मंत्र
|
अंग्रेज़ी
से हिन्दी व हिन्दी से अंग्रेज़ी अनुवाद,
|
020
25704100
020
25503100
मुंबई
ऑफिस-022-26201606
www.cdacidia.com
|
|
5
|
श्रुतलेख
|
ध्वनि
सुनकर कंप्यूटर पर लिखना
|
||
6
|
वाचांतर
|
बोल कर
अंग्रेज़ी से हिन्दी या हिन्दी से अंग्रेज़ी में कंप्यूटर पर लिखना
|
||
7
|
लीला
|
हिन्दी
सीखने के लिए सॉफ्टवेयर
|
||
8
|
बॉस
|
हिन्दी
का लाइनक्स आधारित ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर
|
||
9
|
आवागमन
|
हिन्दी
में डायरी डिस्पैच, आज का शब्द, ई-मेल आदि के लिए
|
080
25540818
080
40913697
info@montagecommunique.com
www.montagecommunique.com
|
|
10
|
माइक्रोसॉफ्ट
ऑफिस एक्सपी, विस्ता, 2000, व 2007
(बहुभाषीसंस्करण)
|
ये
ऑपरेशनल सॉफ्टवेयर्स आज विश्व के अधिकतर डेस्क टॉप कंप्यूटरों पर उपलब्ध हैं .
|
||
11
|
लाइनक्स
|
इस ओपन
सोर्स ऑपरेशन सॉफ्टवेयर मे भी हिन्दी मे
काम करने की सुविधा है.
|
||
इस तरह हम देखते हैं कि
कंप्यूटर के लिहाज़ से हिन्दी एक सरल व सहज भाषा है. इंटरनेट पर विभिन्न रूपों में
इसका प्रयोग दिन प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ता ही जा रहा है.
हमें आशा ही नहीं, दृढ़ विश्वास
भी है कि अपनी सरलता व सहजता के कारण हिन्दी भारत की राष्ट्र भाषा बनेगी. साथ
ही संयुक्त राष्ट्र संघ में भी अनेक विश्व
भाषाओं के साथ बराबर की जगह पा सकेगी.
(ख)
लिंक :
(ग) ब्राउज़र
(Browser) : वेब ब्राउज़र
में एक ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (GUI) होता है. वेब ब्राउजर वास्तव मे एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
है. इसका उपयोग विश्वव्यापी अंतर्जाल ( World Wide Web) पर उपलब्ध सूचना के स्रोतों से सूचनाएं प्राप्त करना है.
सूचनाएं प्राप्त करने के अलावा वेब ब्राउजर, सूचनाओं को प्रस्तुत भी करता है, उन्हें
अन्यत्र भी भेज सकता है. सूचना के ये
स्रोत दर असल इंफॉर्मेशन रिसोर्स आइडेंटिफायर(URI) द्वारा
पहचाने जाते हैं. ये यूआरआइ या तो वेब पेज
होते हैं, या कोई चित्र या फिर कोई वीडियो
हो सकते हैं.
कुछ अंतर्राष्ट्रीय वेब ब्राउजर इस प्रकार हैं:
- फायर फॉक्स : सन 1998 मे नेटस्केप कंपनी ने
यह ब्राउजर विकसित किया. 2004 में इसका बाजार के 7.4% भाग पर कब्जा था, जबकि
आज 2010 में यह 24% तक पहुंच गया है.
- क्रोम : सबसे नया वेब ब्राउजर यही है .
सन 2008 में इसे गूगल ने बाजार में उतारा था. तब से अब तक इसने बाजार के 10%
भाग पर अधिकार कर लिया है. आंकड़े बताते हैं कि यह प्रतिशत हर महीने बढ़ता जा
रहा है.
- सफारी : यह ब्राउजर एप्पल नामक कंपनी
ने विकसित किया है. हाल ही मे जनवरी
2003 में यह बाजार मे आया है. सन 2010 मे बाजार के करीब 6% भाग पर इसने कब्जा
जमा लिया है. इसका वेबकिट कई मोबाइल फोनों जैसे नोकिया एस60, पाम वेबओएस आदि
पर भी चल रहा है.
- ओपेरा : सन 1996 में यह ब्राउजर बाज़ार
में आया. यह बहुत लोकप्रिय नहीं हो सका. बाज़ार के करीब 2%
से 3% हिस्से पर ही यह 2010 तक
अधिकार कर सका है. हां, मोबाइल फोन बाजार पर इसने अच्छा कब्जा जमा लिया है.
करीब चार करोड़ मोबाइलों पर अब तक यह लोड किया जा चुका है.
- इंटरनेट एक्सप्लोरर : यह ब्राउजर अमेरिका की माइक्रोसॉफ्ट कंपनी
ने सन 1995 में जारी किया था. कंपनी ने इस वेब ब्राउजर को अपने ऑपरेटिंग
सिस्टम –विंडोज़ (windows) के साथ जोड़ कर अपनी
व्यावसायिक प्रतिभा का परिचय दिया. इसके फलस्वरूप विंडोज की मांग बाज़ार में
तेजी से बढ़ने लगी. सन 2002 तक आते आते विंडोज़ ने ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर व वेब
ब्राउजर के 95% भाग पर कब्जा कर लिया. लेकिन जनवरी 2010 के आंकड़े बताते हैं
कि अब इंटरनेट एक्सप्लोरर की बाजार मे
केवल 62% की भागीदारी है.
कंप्यूटर विश्व व्यापी अंतर्जाल से जुड़ कर जरूरी
सूचनाएं हासिल करता है.
नीचे कुछ स्वदेशी वेब ब्राउज़र दिये जा रहे
हैं, जो यह सिद्ध करते हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी के
क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिक व तकनीकीविद विश्व
में किसी से पीछे नहीं हैं :
क्र.सं.
|
ब्राउज़र का विवरण
|
वेबसाइट
|
1
|
121India
|
|
2
|
123India
|
|
3
|
123Khoj
|
|
4
|
a2zIndia
|
|
5
|
AllofIndia
|
http://www.AllofIndia.net
|
6
|
AltaVistaIndia
|
|
7
|
Appuonline
|
|
8
|
Beena
|
|
9
|
BestIndianSites
|
|
10
|
Bharath-darshan
|
|
11
|
BusinessOnlineIndia
|
|
12
|
ByIndia
|
|
13
|
Cyberindian
|
|
14
|
Delhicity
|
|
15
|
Delhigate
|
|
16
|
DelhiMarket
|
|
17
|
DestinationIndia
|
|
18
|
Dialindia
|
|
19
|
DirectoryKerala
|
|
20
|
DMOZ
|
|
21
|
EntireIndia
|
|
22
|
Evaya
|
|
23
|
ExportersIndia
|
|
24
|
ExportersIndia.net
|
|
25
|
Ezilon
|
|
26
|
FindouterIndia
|
|
27
|
Go4i
|
|
28
|
GoodhitIndia
|
|
29
|
Guruji
|
|
30
|
Hindustannetwork
|
|
31
|
iloveindia
|
|
32
|
IndiaA2Z
|
|
33
|
Indiaatlas
|
|
34
|
IndiaBook
|
|
35
|
IndiaBridge
|
|
36
|
IndiaCatalog
|
|
37
|
Indiacom
|
|
38
|
IndiaConnect
|
|
39
|
IndiaCrawler
|
|
40
|
IndiaDirectory
|
|
41
|
IndiaEngine
|
|
42
|
IndiaInfo
|
|
43
|
IndiaInternetYellowPages
|
|
44
|
IndiaLtd
|
|
45
|
India'sFirstWebGuide
|
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46
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डाउन लोडिंग ( Downloading) :
एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक सूचना के
पहुंचने की क्रिया को सामान्यत: डाउनलोडिंग कहा जाता है.
इंटरनेट उपभोक्ता की दृष्टि से देखें तो किसी फाइल को
डाउन लोड करने का मतलब है- उस फाइल को पाने की प्रार्थना दूसरे कंप्यूटर से करना,
तथा उसे प्राप्त करना.
इसका तात्पर्य यह हुआ कि सूचना का एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक
पहुंचना मात्र ही डाउन लोडिंग नहीं है. बल्कि यह भी उतना ही जरूरी है कि यह सूचना
संचार इंटरनेट के माध्यम से हो.
डाउनलोडिंग प्राय: सर्वर से
डेस्कटॉप अर्थात बड़े सूचनास्रोत से छोटे सूचना स्रोत पर होती है.
अपलोडिंग : यह भी
सूचना के एक कंप्यूटर सिस्टम से दूसरे कंप्यूटर सिस्टम पर जाने की क्रिया है. है.
इंटरनेट उपभोक्ता की दृष्टि से देखें तो अपलोडिंग वास्तव मे एक कंप्यूटर द्वारा
भेजी गई फाइल का दूसरे कंप्यूटर द्वारा ग्रहण किया जाना है.
फाइल
ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP) : जब हम इंटरनेट से कोई फाइल
डाउनलोड करते हैं तो डाउनलोडिंग पूरी होने के बाद एक संदेश आता है कि यह फाइल कहां
सेव करनी है- डेस्क्टॉप पर या सी ड्राइव पर या अन्य किसी स्थान पर ? यह संदेश एक
विशेष अनुप्रयोग है जो फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल के द्वारा उत्पन्न किया जाता
है.
ध्यान रहे
कि ई-मेल पर कोई फाइल अटैच करके भेजना अपलोडिंग, तथा मेल प्राप्त कर्ता द्वारा इसे
प्राप्त करना डाउन लोडिंग नहीं कही जा सकती.
अत; व्यापक
तौर पर कहें तो साधारण वर्कस्टेशन से या छोटे कंप्यूटर उपभोक्ता की दृष्टि से
डाउनलोडिंग का मतलब है किसी फाइल को इंटरनेट द्वारा प्राप्त करना.
इसी तरह
अपलोडिंग का मतलब है, किसी छोटे कंप्यूटर से फाइल किसी बड़े नेटवर्क या रिसीवर को
भेजना.
इंटरनेट समय मितव्ययता के सूत्र :
- डीएनएस लुकअप्स को कम से कम
करें (Minimize DNS
lookups)
- री डायरेक्ट्स को कम से कम
करें (Minimize
redirects)
- बुरी याचनाओं की अनदेखी करें (Avoid bad
requests)
- बाहरी जावा स्क्रिप्ट को जोड़ें (Combine
external JavaScript)
- बाहरी सीएसएस को जोड़ें (Combine
external CSS)
- सीएसएस के प्रयोग से चित्रों
को जोड़ें (Combine images
using CSS sprites)
- स्टाइल व स्क्रिप्ट की कोटि का
संतुलन रखें(Optimize the
order of styles and scripts)
- दस्तावेज़ लेखन की अनदेखी करें(Avoid
document.write)
- सीएसएस@इम्पोर्ट की अनदेखी करें(Avoid CSS
@import)
- असीनक्रोनस स्रोतों को वरीयता
दें।(Prefer
asynchronous resources)
- होस्टनामों के अनुसार समांतर
डाउनलोड्स करे(Parallelize
downloads across hostnames)
- कम से कम सूचना स्रोतों से जुड़ना : डाउन
लोडिंग का समय घट सकता है यदि एक ही समय मे हम कम से कम सूचना स्रोतों से
डाउन लोडिंग करें. अनुभव से पता चलता है कि अगर पांच या उससे अधिक स्रोतों से
डाउन लोडिंग की जा रही है तो डाउन लोडिंग की गति धीमी हो जाती है.
कई बार हम एक वेबसाइट से डेटा डाउन लोड करते हैं, तथा
साथ ही किसी दूसरी साइट से भी डाउन लोडिंग शुरू कर देते हैं. इसी तरह किसी और साइट
में भी कुछ काम की जानकारी या चित्र मिले तो वहां से भी डाउन लोडिंग शुरू हो जाती
है.
इससे एक साथ हमारा कंप्यूटर कई सूचना स्रोतों से एक
ही रीयल टाइम मे जुड़ जाता है.
क्योंकि सूचना स्रोत से हमारे कंप्यूटर तक सूचनाएं
मुख्यत: विद्युत चुंबकीय तरंगों के माध्यम से पहुंचती हैं. इन तरंगों की बैंड
विड्थ निश्चित होती है.
जब कई सूचना स्रोतों से सूचना डाउन लोड की जाती है तो
डाउनलोडिंग की गति इसलिए घटती है कि एक तो विभिन्न बैंड विड्थ की तरंगों की डाउन
लोडिंग गति अलग अलग होती है, जिसे हमारे
कंप्यूटर को एक ही समय मे ग्रहण करना होता है, दूसरे हमारे कंप्यूटर के प्रोसेसर
की स्मृति(मेमोरी) भी निश्चित होती है. अधिक स्रोतों से सूचना संग्रहण का मतलब है-
अधिक संसाधन समय(प्रोसेसिंग टाइम) लगना.
इसलिए स्पष्ट है कि कम समय लगे- इसके लिए सूचनास्रोत
भी कम से कम हों तो अच्छा होगा.
इस तरह से देखें तो अधिकतम गति से डाउन लोडिंग तभी हो
सकती है जबकि सूचना स्रोत (जहां से हमारा कंप्यूटर सूचना ले रहा है ) केवल एक
मात्र हो.
- री-डायरेक्ट्स
को कम से कम करना :
कई बार हमें;
- 1. उस सूचना-स्रोत की लोकेशन
भी जाननी होती है, जो पीछे जा चुका होता है.
- 2. कितने क्लिक हुए, तथा लॉग
रेफर करने वाले पेजों का हिसाब भी रखना होता है.
- 3. जिन रिसोर्स लोकेटर्स
(यूआरएल) की हमे ज्यादा जरूरत होती है, उन्हें रिज़र्व मे रखना होता है, ताकि
जरूरत पड़ते ही उनसे जुड़ा जा सके. साथ ही जिन यू आर एल्स की स्पेलिंग गलत लिखी
गई है, या जो गलत टाइप हुए हैं, उन्हें समझा
जा सके.
- कभी एक ही वेबसाइट के अलग अलग
हिस्सों से जुड़ना होता है. अलग अलग प्रोटोकालों जैसे (HTTP को HTTPS से), विभिन्न
सुरक्षा नीतियों, जैसे विश्वसनीय तथा अविश्वसनीय पेजों से जुड़ना होता है.
- यू आर एल के पीछे ट्रेलिंग
स्लैश लगाना होता है ताकि वे ब्राउज़र को सहज ही हासिल हो सकें.
कारण कोई भी हो एक अतिरिक्त
रिक्वेस्ट तो उत्पन्न हो ही जाती है. यह रिक्वेस्ट भी पूरी होने के लिए कुछ समय
लेती है. अत: समय कम से कम लगे इसके लिए ये री डायरेक्ट्स कम से कम होने जरूरी हैं.
- बेकार
की रिक्वेस्ट्स की तरफ ध्यान न दें :
कई बार
हम किसी वेबसाइट को पाना चाहते हैं तो साइत नहीं मिलती. संदेश मिलता है कि ‘साइट
नॉट फाउंड’ या ‘गॉन’ . इसका मतलब यहाँ है कि वेबसाइट या तो सर्वर से हट जाती है,
या उसका लिंक , जिसके द्वारा हम उस साइट से जुड़ते थे, बदल जाता है. ऐसी स्थिति में
ये लिंक बेकार साबित होते हैं, क्योंकि ये
हमें वांछित वेब साइट से नहीं जोड़ पाते. इस पूरी प्रक्रिया में डाउन लोडिंग का समय
तो लगता ही है, और इसका कोई फायदा भी नहीं होता.
इस डाउन लोडिंग के समय को बचाने का
यही तरीका है कि हम वेबमास्टर टूल के
द्वारा वेब साइटों को चेक करते रहें, तथा
सही लिंक्स का ही प्रयोग करें.
अत: गलत
लिंक्स की वजह से जो रिक्वेस्ट हमारे कंप्यूटर पर आती हैं, उन्हें डील करने मे भी
डाउन लोडिंग का समय बेकार जाता है. यह समय
बच जाता है जब हम अपनी वेब साइटों को समय समय पर स्कैन करते रहते हैं.
बाहरी
जावास्क्रिप्ट का प्रयोग करें :
अगर
वेबसाइट से जानकारी लेने के लिए जावा स्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाए तो डाउन लोडिंग
में कम समय लगता है.
बाहरी
स्टाइल शीट का प्रयोग करें :
बाहरी फाइलों में स्टाइल शीट
जोड़ने से भी डाउनलोडिंग का समय घट जाता है.
सीएसएस
द्वारा चित्रों को जोड़ें : कैस्केडिंग
स्टाइल शीट (CSS) वे निर्देश हैं, जो या तो एचटीएमएल
में छिपे होते हैं या फिर एचटीएमएल
के भीतर ही स्थित अलग फाइल द्वारा मिल सकते हैं.
सीएसएस
द्वारा कुछ फाइलों में चित्र जोड़ने से भी डाउन लोडिंग का समय घट जाता है.
स्टाइलों और स्क्रिप्ट्स का क्रम:
स्टाइलों
और स्क्रिप्टों को सही क्रम मे रखने से भी डाउन लोडिंग मे समय कम लगता है.
डॉक्यूमेंट
राइट के प्रयोग से बचें :
डॉक्यूमेंट राइट का प्रयोग डाउन
लोडिंग समय को बढ़ा देता है, अत: इसके प्रयोग से जहां तक हो सके बचें.
सीएसएस@इंपोर्ट
के प्रयोग से बचें :
सीएसएस@इंपोर्ट का बाहरी
स्टाइलशीट मे प्रयोग डाउनलोडिंग समय को बढ़ा देता है.
एसिंक्रोनस
स्रोतों का प्रयोग ही करें :
स्रोतों को एसिंक्रोनस ढंग से फेच
करने से वे स्रोत पेजलोड को ब्लॉक नही कर पाते.
होस्टनेम्स
के समांतर डाउन लोड करें:
दो अलग अलग होस्ट नामों से किसी
रिसोर्स का प्रयोग समानतरीकरन की क्रिया को बढ़ा देता है, अत: डाउन लोडिंग की
क्रिया तेज़ हो जाती है.
(क)
हिन्दी के प्रमुख पोर्टल :
(क)
(1) हिन्दी
वेब साइट:
(2) हिन्दी
सर्च इंजन : सर्च
इंजन एक प्रकार के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ही हैं. इनका काम है- उपभोक्ता को वांछित
जानकारी देने वाली वेब साइटों तक पहुंचाना.
ये सर्च इंजन उपभोक्ता को जिस जानकारी से सबसे पहले जोड़ते हैं- उसे यू आर
एल (यूनीवर्सल रिसोर्स लोकेटर) कहते हैं.
यहां कुछ सर्च इंजन दिये जा रहे हैं, जो या तो सिर्फ हिन्दी भाषा को
ही सपोर्ट करते हैं, या फिर
भारतीय संस्कृति से ही जिनका संबंध होता है :
यह भारत का अग्रणी सर्च इंजन है,
जो विश्व मे रहने वाले सभी भारतीयों को उत्कृष्ट वेब उत्पादों का
परिचय देता है. यह उपभोक्ताओं,
आंकड़ों व विज्ञापन की भारत के संदर्भ में विशालतम
निर्देशिका है. भारतीय उपभोक्ताओं मे इसकी पैठ
बहुत नीचे तक है.
|
(3) हिन्दी
‘ई’ समाचार पत्र : आज
लगभग सभी अंग्रेजी समाचार पत्रों के
हिन्दी संस्करण इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. हिन्दी के कुछ अन्य ‘ई’ समाचार पत्र भी नेट
पर मिलते हैं. कुछ ‘ई’ समाचार पत्र नीचे दिये जा रहे हैं :
क्र.
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हिन्दी
ई-समाचार पत्र
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1
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2
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|
3
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4
|
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5
|
|
6
|
|
7
|
|
8
|
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9
|
|
10
|
|
11
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(4) हिन्दी
ई-पत्रिका
: ज़्यादातर हिन्दी पत्रिकाओं के वेब संस्करण भी आज इंटरनेट
पर
उपलब्ध हैं. कुछ नई वेब पत्रिकाएं भी शुरू हुई हैं. नीचे
कुछ प्रचलित ई-पत्रिकाएं दी जा
रही हैं:
क्र.
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हिन्दी
ई-पत्रिका
|
1
|
|
2
|
|
3
|
|
4
|
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5
|
|
6
|
|
7
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8
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|
9
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|
10
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|
11
|
|
12
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13
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14
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15
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16
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