एक
दिन शिकार की खोज मे पांचों भाई तथा
द्रौपदी भटक रहे थे . काफी देर तक भटकते हुए उन्हे जोरों की प्यास लगी.
तब
युधिष्ठिर ने सबसे छोटे भाई सहदेव को पानी की तलाश मे भेजा. काफी देर तक सहदेव न
लौटे तो नकुल को भेजा . काफी देर हो गई.
वह भी नही लौटा. इसी तरह भीम अर्जुन भी नहीं लौटे.
तब
युधिष्ठिर ने डिसाइड किया कि मै खुद ही जा
कर खोजता हूं उन्हें. इस जंगल मे पानी का कोई तालाब तो जरूर होगा. वहीं गए होंगे सब.
दूर से किसी पानी मे रहने वाले पक्षी की आवाज आ रही थी. युधिष्ठिर
उस दिशा मे चल पड़े.
कुछ देर बाद वह एक
तालाब के पास पहुंचे . चारों भाई वही मरे पड़े थे.
युधिष्ठिर बहुत
प्यासे थे. उन्होने सोचा कि मरे हुए भाइयों के लिए शोक मनाने से पहले जरा पानी तो
पी लूं. जैसे ही युधिष्ठिर
जल पीने के लिए तालाब मे घुसे, किनारे पर
बैठे बगुले ने आदमी की आवाज़ मे कहा-
ठहरो
धर्मराज ! मेरे सवालों का उत्तर दिये बिना तुम पानी नही पी सकते.
हाथ जोड़ कर
युधिष्ठिर बोले- आपका इंट्रोडक्शन महाराज ?

युधिष्ठिर बोले- मै
आपके सभी सवालों के जवाब दूंगा यक्षराज, जब आप
कहेंगे तभी पानी पीऊंगा. प्लीज़, आप सवाल पूछिए .
बगुला उसी वक्त
आदमी बन गया और सवाल पूछने लगा-
जवाब 1 – इंसान.
सवाल-2- इंसान
क्यों ?
जवाब-2- क्योंकि
इंसान ही दूसरों को बेवकूफ और खुद को
अक्लमंद समझता है.
सवाल-3- इंसान और
राक्षस मे क्या फर्क है ?
जवाब-3- इंसान मे दया होती है,
राक्षस मे नहीं होती. किसी को तड़पता देख राक्षस नहीं पसीजता. उसे सिर्फ अपनी और अपने बीबी- बच्चों की फिक्र होती है.
सवाल-4 कामयाब आदमी की सबसे बड़ी पहचान क्या होती है ?
जवाब-4-
कामयाब आदमी एक नंबर का झूठा और लबार होता है.
सवाल-5-
कामयाब आदमी बनने के लिए और क्या क्या खासियत होनी चाहिएं ?
जवाब
-5- जो आदमी सोचता कुछ है, बोलता कुछ है और करता कुछ और है,
वह बहुत
ऊपर तक जाता है. कामयाब होने के लिए मुंह
मे राम और बगल मे छुरी होनी चाहिए.
सवाल-6-
राजा बनने के बाद शरीर के कौन कौन अंग
बेकार हो जाते हैं ?

सवाल-7- राजधर्म की कसम खाते ही राजा को सबसे पहला काम
क्या करना चाहिए ?
जवाब-7- जो भी कोई राजा बनने के ख्वाब देखता हो उसकी
फाइल खुलवानी चाहिए. उसके पीछे जासूस लगा देने चाहिएं. वह कौन कौन से गलत काम करके ऊपर पहुंचा है,
इसकी खुफिया जानकारी मय सुबूतों के
जुटा कर तैयार रखनी चाहिए ताकि वक्त पर काम आवे. जब सारे विरोधी सलाखों के पीछे पहुंच जाएं तो तीर्थ यात्राओं पर निकल जाना चाहिए.
सवाल- 8- राजा बनने के बाद दूसरा काम कौन सा करना चाहिए ?
जवाब -8- राज्य के हर निवासी के दिल मे खौफ पैदा करना चाहिए।
किसी की भी इतनी हिम्मत न हो कि राजा की तरफ आंख भी उठा सके ।
सवाल-9- और कोई काम ?
जवाब-9- हां ! शिक्षा का स्तर बिल्कुल गिरा दे । बगैर
परीक्षा दिये ही पास करने के तरीकों पर शोध कराए । शिक्षा का स्टैंडर्ड गिरेगा तो
गधे घोड़े सब पास होने लगेंगे. फिर ये गधे घोड़े अपनी तिकड़मों के फलस्वरूप या अपनी
भक्ति भावना के कारण बड़े बड़े अफसर बन जाएंगे. इस किस्म के अफसरों को खरीदना आसान
होता है. ये अड़ते नहीं बस सुविधाशुल्क बढ़ा देते हैं . फिर तो चाहे जितना मुश्किल
काम क्यों न हो ये उसे मिनटों मे पूरा कर देते हैं.
सवाल- 10- इस दुनिया मे सबसे बुद्धिमान प्राणी कौन है ?
जवाब-10- राजा । बुद्धिमान है तभी तो राजा है । वह जानता है कि राज्य कैसे हथियाया जाता है। एक बार सिंहासन पर बैठने के बाद वह अपने चारों तरफ अपने भरोसेमंद लोगों की बाड़ लगा देता है. ये लोग सिर्फ भरोसेमंद ही नहीं होते, बिकाऊ भी होते हैं। जो काम राजा इन्हे सौंप देता है, वह सौ फीसदी होना ही है. ऐसे विश्वासपात्रों की अभेद्य दीवार के भीतर सुरक्षित होने के बाद राजा का असली खेल शुरू हो जाता है। फिर तो वह आखिरी सांस तक चैन की बंसी बजाता है ।
सवाल-11- राजा को कृष्ण के कर्म योग
पर चलना चाहिए या चार्वाक के नास्तिकवाद पर?
जवाब - 11- बड़ा
ही कठिन सवाल पूछा है यक्ष राज आपने. किंतु यदि दुनियां मे सवाल हैं तो उनके जवाब
भी हैं. आपके सवाल का जवाब भी सवाल की तरह जलेबीनुमा है। राजा को जब पब्लिक के
सामने आना हो तो उसे कर्मयोग की वकालत करनी चाहिए। और अपनी पर्सनल लाइफ मे राजा को
चार्वाक के दर्शन पर चलना चाहिए। कितना सटीक कहा है महर्षि
चार्वाक ने -
यावज्जीवेत सुखं जीवेत, ऋणं
कृत्वा घृतं पिबेत । भस्मीभूतस्य देहेषु,
कोत्र पुनरागम ॥
- राजा को अपने निजी जीवन मे
इसी आदर्श पर चलना चाहिए. कर्मयोग तो सिर्फ जुमला है जब तक जिंदा हो सुख से जीओ।
कर्ज लेकर भी घी पिओ। एक बार इस देह के भस्म हो जाने के बाद कौन किसका ?
-
सवाल-12- अगर प्रजा को
राजा के दोहरे चरित्र का पता चल जाए और राजा की इमेज पब्लिक मे डाउन होने लगे तो
क्या कीजिए ?
-
जवाब-12- अरे यक्षराज,
ये भी कोई प्रॉब्लम है ? अरे आजकल सैकड़ों
फर्मे हैं जो इमेज ब्रैंडिंग का धंधा करती हैं। उन्हे इमेज बिल्डिंग का ठेका दे दो
और सो जाओ बेफिक्र हो कर. तुम्हे गिनती के दिनों मे दुनिया का महान बुद्धिमान,
दार्शनिक, दूरदृष्टा, और
कल्कि का अवतार न बना दें तो पैसा वापस. आजकल जेब मे पैसा होना चाहिए. जो चाहो सब
कुछ हो जाएगा.
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युधिष्ठिर के ऐसे
सारगर्भित उत्तर सुनकर यक्षराज अति प्रसन्न हो गए। उन्होने कहा- हे धर्मराज आपके
सभी जवाब बेमिसाल थे। यक्ष खुश हुआ। कोई
वर मांगो।
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युधिष्ठिर बोले- हे
यक्षराज भाइयों के बिना जीना भी कोई जीना है ? अगर
आप प्रसन्न हैं तो मेरे मृत भाइयों को दोबारा जिंदा कर दें।
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“ तथास्तु” कहते ही सभी
पांडव जीवित हो गए। अब यक्ष ने कहा- आप सभी लोग इस सरोवर का शीतल जल पीकर अपनी
प्यास बुझाएं।
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(समाप्त)
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