व्यंग्य - मॉर्डन ज्योतिष के प्रसिद्ध योग


        शहर के बीच चौक पर थी वह  दुकान. एक जीर्ण -शीर्ण साइन बोर्ड झूल रहा था उस पर. काफी गौर से आंखें फाड़ फाड़ कर लोग उसे पढ़ने की कोशिश करते. ऐसा लगता था जैसे वह साइन बोर्ड न हो बल्कि सम्राट अशोक का शिलालेख हो, जो किसी प्राचीन लिपि मे लिखा हुआ है और हर कोई उसे पढ़ कर  इतिहास मे अमर होना चाहता है.

          बोर्ड का कुछ हिस्सा अब भी पढ़ने लायक था. लिखा था-  ज्योतिष के सूरज पंडित राम भरोसे बठिंडेवाले. हमारे यहां इंसान तो क्या गाय-भैंस, कुत्ते बिल्ली, घोड़े गधे,  तोता - मैना, जैसे  जानवरों और परिंदों की जन्म कुंडली भी बनाई जाती है.  हम समदर्शी हैं. इंसान और जानवर मे फर्क नही करते.

          पूरे बीस बरस  तक हमने हिमालय के साधु महात्माओं के लंगोट धोए हैं, तब जाकर ज्योतिष के कुछ  नायाब मोती हाथ लगे हैं। आप भी जितनी जल्दी हो सके इस  मोतियों के खजाने को लूट ले जाइए.  मामूली फीस चुका कर घर भर के लोगों का भविष्य जानिये. और  हां ! जो सज्जन एक साल के भीतर भीतर आएंगे, उनके एक चौपाए  की जन्म कुंडली  फोकट मे बनाई जाएगी. चौपाए का भविष्य फल भी बांचा  जाएगा.

       मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात ! गाहक दुकान की ड्यौढ़ी तक आते । साइन बोर्ड भी पढते मगर बाहर से ही लौट जाते ।

      अब दिन भर करें तो क्या करें ? कुछ दिन तो घरवालों की जन्म पत्रियां बनाते रहे. शायद बिज़ी देख कर आते जाते लोगों पर कुछ इंप्रेशन पड़े ! पर सब बेकार ! बकौल कुंदन लाल सहगल- दुकान का अंगना तब भी पर्वत और देहरी बिदेस बनी रही.  किस्मत का मारा एक भी आदमी जो भीतर  घुसा हो ! पंडित जी बगुला भगत की तरह ध्यान लगाए  बैठे रहे । पत्री  दिखाने वालों का रेला दुकान के भीतर दाखिल नही  हुआ तो नही हुआ । जैसे कि   वह दुकान नहीं,  कालेपानी की काल कोठरी हो.

       खाली बैठे बैठे अचानक एक आइडिया उनके दिमाग मे कौंधा- ज्योतिष मे कई बरसों से  नया काम नही हुआ है. वही  घिसेे पिटे  चक्रवर्ती सम्राट योग,  पंच महापुरुष योग, लालाटिक योग,  लक्ष्मीपति योग वगैरह वगैरह..... अरे तब से अब तक सोसायटी मे कितने चेंजेज़ आ चुके हैं ? आज दो जून की रोटी मिल जाए वही राजपाट मिलने से कम है क्या ? और महापुरुष योग ? अचार डालें इस योग का ?  क्या वैल्यू है आज  इस  योग की ? कौड़ी बराबर भी नहीं ! किसी की पत्री बांचते हुए तारीफ कर दो तो खाने दौड़ता है. कहता है- अपना महापुरुष योग रखिये अपने पास । हम नीच पुरुष ही ठीक हैं। 
       तो  इसका मतलब ज्योतिष मे भी रेनेसां (पुनर्जागरण) लाने का वक्त आ गया है ? एक मॉर्डन, और मौलिक ग्रंथ की  रचना  जरूरी हो चुकी है ? ऐसा ग्रंथ, जो आज की सोसायटी की सारी रिक्वायरमेंट फुलफिल कर सके !

     पड़ोसी  वैद्यराज चोखे तो इस दिशा मे कदम बढ़ा  भी चुके थे. पंडित जी ने उनसे सलाह लेना जरूरी समझा.

-      - भई चोखे, क्या कहते हो, ज्योतिष मे भी तो पुरानी किताबें कबाड़ हो गई हैं. वैसे ही  मार्केट मे कस्टमर कम हैं । गलती से किस्मत का मारा  टकरा  भी तो  मुंह खोलते ही जम्हाई लेने लगता है. हम कहते हैं- जजमान जी आपका बालक तो चार वेदों और छह शास्त्रों मे पारंगत होगा, तो जजमान हंस कर कहता है- दो जून की रोटी कमा लेगा या नहीं ? तो ऐसे ज्योतिष की बजाय क्यों न तुम्हारी तरह एक नई किताब लिखी जाए ? क्या कहते हो ?

-        चोखे उछल कर बोले- शुभ काम मे देरी किस बात की ? कल अमावस है. कल ही नए ग्रंथ की रचना शुरू कर दो.

   पंडित  रामभरोसे को मुंह मांगा सर्टिफिकेट मिल चुका था. ज्योतिष के  खेत मेे हरित क्रांति  लाने के लिए उन्होने कमर कस ली. अब वह एक मिनट भी बेकार नहीं बैठते थे. जब देखो लिखने मे मगन रहते।

    साल भर की  मशक्कत के बाद  शोध ग्रंथ पूरा हुआ. नाम था- मॉर्डन कुंडली दर्पण. इस महान ग्रंथ के अठारह अध्याय थे.  दसवां अध्याय था – मार्डन फलित ज्योतिष योगावली. इसी  के कुछ हिस्से  हमने तड़ी पार किए थे. किताब छप कर  बाजार मे आती रहेगी, आप अभी इसका आनंद लीजिए .....

अथ अध्याय दसवां. मार्तंंड   फलित  योगावली   लिख्यते.

लिखा था ....... तो भगवन अगर ये योग आपके बच्चे की कुंडली  मे मौजूद हों तो मिठाई का डिब्बा और ग्यारह सौ रुपए लेकर ही हमारे पास तशरीफ लाएं. 

बुकी योग ‌ - यदि जन्म कुंडली मे बुध नीच राशि का होकर लाभ भाव मे बैठा हो तथा लग्नेश भी उसके साथ बैठ गया हो तो यह “ तीनो लोकों मे विख्यात बुकी योग”  कहलाता है. इस योग मे जन्मा बालक यदि तहखाने मे नोट गिनने की मशीन भी लगा ले तब भी सारी उमर वह नोट नही गिन सकता । हां ! पढ़ाई लिखाई मे ऐसा जातक फिसड्डी होता है और लटक लटक कर भी बीए पास नही कर पाता. मगर पढ़ाई भी आज कल कोई देखने की चीज़ है ?  अरे भले ही ऐसा जातक अंगूठाटेक हो, अकेले बुकी योग की बदौलत वह जिंदगी के सारे मजे कैश करता है. कैबिनेट मंत्री भी उस महान पुरुष को अपना दामाद बनाने के लिए लालायित रहते हैं।

बारबाला योग ‌–  यदि कन्या की कुंडली मे शुक्र नीच का होकर आठवें भाव मे पड़ा हो, और साथ ही उच्चाभिलाषी शनि भी  वहां लेटा हो, सूरज बारहवें खाने मे गुरु के साथ बैठ कर बाहरी मुल्कों को देख रहा हो तो यह बार बाला योग कहलाता है.

      इस योग मे जन्मी बालिका अत्यंत भाग्यशाली होती है. एक कुशल नर्तकी तो वह बाइ डिफाल्ट होती ही है, उसके अलावे वह टेलेंट  को नोटों मे बदलने के इंद्रजाल मे भी निपुण होती है. वह  पांच सितारा होटलों से नीचे  के स्थानों पर नहीं पाई जाती.  उसका जीवन अत्यंत सुखमय होता है. इस लोक के सभी सुख भोग कर वह  सीधी स्वर्ग जाती है.  जो सारी दुनियां  अपनी  मुट्ठी मे कर लेते हैं उन महान पुरुषों को यह बाला सोमरस अर्पित करते हुए अपने इशारों पर बंदर की तरह नचाती है.

    गिरगिट योग - यदि कुंडली मे लग्नेश नीच का होकर बारहवें भाव मे पड़ा हो और दसवें भाव का स्वामी भी नीच का होकर या तो बारहवें भाव मे बैठा हो या फिर छठे भाव से पूर्ण दृष्टि से नीच के लग्नेश को निहार रहा हो  तो आप समझ जाएं कि आपके कुलदीपक  ने “गिरगिट योग”  मे अवतार लिया है.

        इस योग मे जन्म लेने वाला बच्चा अरबपति के घर मे पैदा हो या  भिखारी के घर में, कोई फर्क नहीं पड़ता ! बड़े होकर उसे छप्पन भोग भोगने  हैं।  कोई नही रोक सकता. ऐसा जातक राजनीति मे बहुत ऊपर जाता है । सुबह वह एक दल मे पाया जाता है, दोपहर तक वह दूसरे दल की सदस्यता ग्रहण कर लेता है और सांझ होते न होते वह तीसरे दल की गोपनीयता की शपथ  लेने किसी पांच सितारा होटल मे कैद पाया जाता है. ब्रह्मा जी भी उसके दिल के राज  नहीं जान सकते. वह अर्जुन  की तरह अपनी नजरें नोटों की उन बोरियों पर गड़ाए रहता है जो पाला बदलते ही उसके तहखाने मे पहुंच सकती  हैं. ऐसा जातक आपदा को अवसर मे बदलने मे कुशल  होता है.  इस बालक के निवास स्थान से दस किलोमीटर तक  "भरोसे" या "यकीन" नामके वायरस  बगैर सेनेटाइज़र के ही नष्ट हो जाते हैं.

हैकर्स योग ‌ - यदि किसी जातक के पांचवें भाव का स्वामी होकर सूर्य आठवें भाव मे  नीच के बुध के साथ पड़ा हो, और नीच के मंगल की भी दृष्टि अगर उस पर पड़ रही हो तो यह प्रसिद्ध हैकर्स योग कहलाता है.

     इस योग मे पैदा होने वाला जातक अच्छे अच्छे हैकिंग सॉफ्टवेयर्स डवलप करने मे निपुण होता है. दुनिया की किसी भी वेबसाइट को वह पलक झपकते ही हैक कर लेता है. वह अपना धन बिट कॉइन के रूप मे  सुरक्षित रखता है. ऐसे बालक की शिक्षा दीक्षा या डिग्री नहीं देखी जाती. जैसे दान की बछिया के दांत नहीं देखे जाते. बड़े बड़े कॉरपोरेट इन्हे मनमानी सेलरी पर अपने यहां अपॉइंट करते हैं.

    हैकर्स योग मे उत्पन्न जातक ऑफिस नही जाते. वे वर्ष भर दुनियां के आलीशान होटलों मे सुखपूर्वक  प्रवास  करते  हुए मालिक की बताई  साइट्स  हैक करके गोपनीय डेटा  चुराते  रहते हैं. इनकी दसों उंगलियां जीवन पर्यंत शुद्ध देसी घी में डूबी रहती हैं. जीवन के आखिरी दिनों  मे ये नौकरी छोड़ कर     अपनी  हैकिंंग  सर्विसेज़   शुरू कर देते हैं  ------------

     इसके अलावा और भी बहुत से योग उस किताब मे दर्ज थे जैसे  “लबरा योग, जोगी योग, जुमला योग, चौकीदार योग, मलाई योग, काजूप्लेट तथा लालपानी  योग  तथा मालिश योग  आदि आदि.  

        इन योगों की जानकारी के लिए मेरी किताब  मॉर्डन फलित ज्योतिष योगावली आज ही एडवांस मे बुकिंग करवा लें. दूसरे  संस्करण के चक्कर  मे न रहें. सारी प्रतियां ऑन डिमांड  छप रही हैं. 
(समाप्त)

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डॉ. दिनेश चंद्र थपलियाल

I like to write on cultural, social and literary issues.
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