मुग्‍धा नायिका का नखशिख वर्णन – दालों के संदर्भ में

                                               

मुख मंडल पर दली हुई अरहर की आभा !
सिर पर काली  उड़दी  की ढेरी सा जूड़ा ।।1||

उबली हुई  राजमा जैसी मोटी आंखें ।
धुली उड़द सा अंग-अंग है  उजला ।।2||

दली हुई मलका से जैसे होंठ गुलाबी ।
कुलथी जैसा नाखूनों का रंग बैंगनी ॥3||

दंत पंक्तियां सजी लोबिया के दानों सी ।
काले तिल की छवि गर्दन  पर माला जैसी ॥ 4||

 साबुत उजले चने काबली वाले  जैसे  
चमक रहे हों मोती  की माला के दाने॥5||





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डॉ. दिनेश चंद्र थपलियाल

I like to write on cultural, social and literary issues.
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