सूर के दोहे



      भगवान बाल कृष्ण जुहू चौपाटी पर ग्वाल बालों तथा मैया यशोदा के साथ घूमने गए हैं । वहां पहुंच कर वह अनेक खाने पीने की चीजें देख कर माता यशोदा से क्या कहते हैं ‌ -

मैया मैं तो वड़ा पाव ही लैहौं
जुहू बीच पर ग्वाल-बाल सब काला खट्टा लै हैं
पानी-पूरी  रगड़ा पेटिस भाजी पाव खैहैं
राधा रानी इडली डोसा दाऊ कुल्फी लैहैं
श्रीदामा मक्का को भुट्टा ऊधो सींग चबैहैं
भेल खाय के ग्वाल बाल सब गहरे  पानी जै हैं
मैं तेरो भोलो सो बालक  घर की रस्ता लैहौं
मैया मैं तो वड़ा पाव ही लैहौं--------------------

एक बार सब ग्वाल-बाल मैया यशोदा से बाल कृष्ण की चुगली करते हैं कि कान्हा ने जैम चुरा कर खाया है । सफाई में कान्हा क्या कहते हैं-


मैया री मोरी मै नहिं जैम चुरायो
भोर भयो टीचर के घर तू ट्यूशन हेतु पठायो ।
चार बजे तक ट्यूशन पढ़कर सांझ परे घर आयो ॥
यार दोस्त सब बैर परे हैं बरबस मुख लिपटायो ।
मैं बालक बहियन को छोटो केहि विधि जैम उतारो ॥

मैया री मोरी-----------------------------




  
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डॉ. दिनेश चंद्र थपलियाल

I like to write on cultural, social and literary issues.
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