बेवफाई का तुम्हें अंजाम क्या
मालूम ।
कई दिन तक रहेगा जख्म इसका
॥1॥
एक चेहरा है गरीबी को मिटाने
का ।
दूसरा चेहरा गरीबों को मिटाने
का ॥2॥
न जाने कब कोई गद्दार मिल जाए
।
समां है असलहे के साथ चलने
का ॥3॥
पी लिया जो दर्द दुश्मन से
मिला था ।
दिया जो दोस्त ने अब क्या करें
उसका ॥ 4॥
दोस्त बन कर पीठ पर भोंका छुरा
जिसने ।
आया है सही मौका उसी पर वार
करने का ॥5॥
काश ! आए वक्त सीधी बात करने का ।
काश आए वक्त दो दो हाथ करने
का ॥ 6॥
तुम्हारी शख्सियत मे दोगलापन
है ।
ये मौका है उसी पर बात करने
का ॥ 7॥
जिन गरीबों की वजह से आज तुम
ऊपर उठे ।
इरादा कर लिया तुमने उन्हे
जड़ से मिटाने का ॥8॥
करोड़ों जिंदगी बरबाद की आबाद होने के लिए ।
नहीं था ठीक यह ड्रामा भरोसा
तोड़ने का ॥ 9॥
तुम्हें भेड़ें समझ कर अब तलक
हांका गया है ।
है मौका भेड़िये
को जानने पहचानने का ॥10॥
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