नक्षत्र तथा राशि आधारित फलादेश- भाग 4

 

जन्म के समय जिस नक्षत्र मे चंद्रमा स्थित होता है- वही हमारा जन्म नक्षत्र कहलाता है । उसी नक्षत्र के अनुसार हमारी विंशोत्तरी आदि दशाएं निर्धारित होती हैं।

मन मे जिज्ञासा उठती है कि आखिर चंद्र से ही नक्षत्रों क़ो क्यों जोड़ा गया ? पृथ्वी को सूर्य बुध मंगल शुक्र गुरु शनि आदि भी तो प्रभावित करते हैं। उनसे जन्म नक्षत्र का निर्धारण क्यों नही किया गया?

क्या इसलिए  कि चंद्र पृथ्वी के सबसे निकट होने के कारण उसका गुरुत्व बल पृथ्वी पर सबसे अधिक पड़ता है! ज्वार भाटा हों या स्त्रियों के  मासिक धर्म का समय- चंद्रमा की कलाओं के साथ मनुष्य के पागलपन का संबंध हो या वनौषधियों मे अमृत तत्व की स्थापना हो – ये सब गुण केवल चंद्रमा से ही क्यों आते हैं पृथ्वी पर ? बच्चे के गर्भ मे आने के बाद नवें माह मे जन्म लेने के पीछे भी क्या चंद्र बल ही है? चंद्रमा सबसे अधिक प्रभाव डालने वाला होते हुए भी एक नक्षत्र मे केवल एक दिन ही रहता है – क्या इसीलिए चंद्र आधारित फलादेश अधिक सटीक माने जाते हैं? गर्भ मे कोई जीवात्मा पुरुष के वीर्य मे स्थित  सूक्ष्मातिसूक्ष्म जीव कणॉं से  उसी समय गर्भ मे क्यों आता है जब कि नौ माह बाद उसका कोई विशिष्ट जन्म नक्षत्र पड़ेगा? क्या यह संयोग मात्र है ?

कहने का आशय यह है कि चंद्रबल ही यह निर्धारित करता है जीवात्मा को किसी  विशिष्ट नक्षत्र मे जन्म लेने के लिए या फिर किन्ही विशेष ग्रह स्थितियों मे जन्म लेने के लिए । कहा भी गया है – चंद्रमा मनसो जात: अर्थात चंद्रमा का हमारे सूक्ष्म शरीर के मन तत्व से गहरा संबंध है।चंद्रमा ही हमारे मानसिक जगत का नियंता है। हमारे मन मे विचार चंद्रमा के कारण  ही उठते हैं ।

चंद्रमा के अल्पतम परिभ्रमण  काल  तथा मानसिक जगत को नियंत्रित करने के गुण के कारण ही चंद्र से ही जन्म नक्षत्र का निर्धारण किया गया होगा। महादशाओं  आदि का निर्धारण भी इसीलिए चंद्र से ही किया जाता होगा ।

एक प्रश्न अब भी अनुत्तरित है- जीवात्मा को किस नक्षत्र मे जन्म देना है तथा उसके लिए उसे कब गर्भ मे आना है- यह कैसे निश्चित होता है?

हमारे नक्षत्रों मे से अनेक सितारों के ग्रहों पर निवास योग्य पृथ्वियों का पता लगाया जा चुका है। क्या गर्भ मे आने वाला जीवात्मा किसी विशेष नक्षत्र के किसी ग्रह से आता है ? क्या जन्म नक्षत्र हमे यह बताता है कि जीवात्मा उसी जन्म नक्षत्र के किसी निवास योग्य ग्रह से पृथ्वी पर आया ?

क्या इसीलिए वैदिक ज्योतिष मे नक्षत्रों को  इतना महत्व दिया गया है ? (क्रमश:)

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डॉ. दिनेश चंद्र थपलियाल

I like to write on cultural, social and literary issues.
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