कुछ और मुहावरे


क्रम संख्या
मुहावरे
1
कव्वों के कोसने से ढोर नहीं मरा करते ।
2
कभी कभी ईद में जुलाही भी पान खा लेती है।
3
काजी की मारी हलाल ।
4
जोरू न जाता, अल्ला मियाँ से नाता ।
5
चार गाँव का चौधरी सोलह गाँव का राय, अपने काम न आवे तो ऐसी तैसी में जाय ।
6
बेल पकी, कव्वे  के बाप को क्या मिला ।
7
न सौ तोरियाँ छीली, एक कद्दू छील लिया ।
8
जहाँ बांस डूब गए वहाँ पोरियों की क्या गिनती ?
9
अकल के कुत्ते फेल होना ।
10
अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछत कौन ।
11
घोड़े मरे,  गधों पे जीन कसी ।
12
सौ सौ चूहे खाय बिलैया हज को जाय
13
न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी
14
तू डाल डाल, मैं पात पात ।
15
   अंधा बांटै रेवड़ी, अपने अपने को देय
16
छाती पर मूंग दलना
17
अपने मुंह मियां मसूर की दाल
18
कोढ़ में खाज
19
कंगाली में आटा गीला
20
नौ दिन चले अढ़ाई कोस
21
राम नाम जपना, पराया माल अपना
22
मुंह में राम, बगल में छुरी
23
दाल भात में मूसल चंद
24
नया मुल्ला पांचों वक्त नमाज़ पढ‌ता है
25
अंधे के आगे रोना अपने नैना खोना 


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डॉ. दिनेश चंद्र थपलियाल

I like to write on cultural, social and literary issues.
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