गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

खून के आंसू

उसी चौराहे पर
जहाँ पर मुस्कराती बुद्ध की  प्रतिमा लगी थी 
आज उसके ठीक नीचे दिन दहाड़े
 ंंचाकुओं से गोद कर 
 एक  जिंदा  आदमी को लाश में तब्दील कर डाला गया ।
 लाश से  बहतेे लहू के  लाल फव्वारे
छिटक कर बह रहे  थे मूर्ति के उस भाग से
जहां आंखें बनी थीं ।
 बुद्ध के अनुयायियों ने बुद्ध को
खून के आंसू रुला कर
ऐतिहासिक फर्ज पूरा कर लिया ।

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